Adhura pyar .............
यह एक ऐसे कहानी ह जो एक दोस्त किसी की याद में लिखा है | आज मैं उसके भावनाओं को बताना चाहता हूँ \
satrt------
यह कैसी उम्र में आकर मिली हो तुम
बहुत जी चाहता है फिर से बोउ अपनी आंखे।
तुम्हारे ढेर से चेहरे उगाऊं।
और बुलाऊँ बारिशों को।
बहुत जी है की फुरसत हो तसब्बूर हो।
मगर जाना एक ऐसी उम्र में आकर मिली हो तुम।
किसी के हिसे की मिटटी हिलती।
किसी की धुप का हिस्सा नहीं छनता।
मगर अब मेरी क्यारी में लगे पौधे।
किसी को पावं रखने के लिए भी थाह नहीं देते।
यह कैसी उम्र में आकर मिली हो तुम |
by.... chandan siku अगर अच्छा लगा तो कृपया शेएर एंड लाईक करें।
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